सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण समाचार पत्र,
मुख्य कार्यालय,
लखनऊ।
विषय- प्लास्टिक की चीजों से हो रही हानि के बारे में संपादक को पत्र।
मान्यवर,
मैं सुनील कुमार स्नातक द्वितीय वर्ष का छात्र हूं। व मैं समाज में प्लास्टिक की चीज़ों से फैलती जा रही हानियों के प्रति अत्यंत चिंतित हूं। इस विषय पर सरकार तथा जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र की सहायता लेना चाहता हूं।
महोदय, प्लास्टिक से बनी प्रत्येक वस्तु प्रकृति तथा मनुष्य के लिए हानिकारक है। लेकिन आज अपनी सुविधा हेतु मानव द्वारा प्लास्टिक से बनी तमाम वस्तुओं का प्रयोग किया जा रहा है। पानी की बोतलें से लेकर खाने की पैकिंग तक प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है। जोकि सबसे अधिक हानिकारक है।
इसके अतिरिक्त हर पदार्थ को नष्ट करने का कोई ना कोई तरीका होता है। लेकिन प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को नष्ट करना बेहद मुश्किल है। साथ ही प्लास्टिक से बनी कोई भी वस्तु मिट्टी में भी नष्ट नहीं होती। इसके साथ ही नष्ट ना होने पाने के कारण प्लास्टिक नदी, नालों, तालाबों में बहती रहती है। जिससे इनका पानी ऊपर तक भर जाता है, ज्यादातर प्लास्टिक की थैलियां, बोतले आदि कूड़ा कचरे के रूप में नजर आते हैं।
प्लास्टिक के जलने पर जो धुआं निकलता है। वो हवा में मिलकर समस्त वायु को प्रदूषित करता है। जिससे समस्त मनुष्यों तथा प्राणियों के जीवन प्रभावित होता है। हालांकि सरकार द्वारा प्लास्टिक की रोक पर कई कड़े नियम बनाए गए। परंतु जनता द्वारा इनका पालन बस कुछ समय के लिए ही किया गया।
अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप प्लास्टिक के चीज़ों से होने वाली हानियों की ओर सरकार तथा जनता को जागरूक करने हेतु यह विषय अपने पत्र में प्रकाशित करने के कृपा करें। इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूंगा। प्रकृति तथा जीवों के हित के लिए प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक लगाना आवश्यक है।
सधन्यवाद।
भवदीय,
सुनील कुमार,
छात्र,
लखनऊ विश्वविद्यालय।
दिनांक……
I want to say that I want a small letter so write according to classes
NICE POST BRO AND IT IS VERY IMPORTANT FOR US