पत्र कैसे लिखें ? patra kaise likhe ?
# पत्र कैसे लिखें?
वर्तमान समय में मोबाइल फोन, कंप्यूटर तथा इंटरनेट के जरिए हम दूर बैठे लोगों से भी संपर्क बनाने में कामयाब हो सकें हैं। इन माध्यमों के जरिए संचार क्षेत्र में एक अभूतपूर्व क्रांति अाई। लेकिन आजकल के डिजिटल जमाने से पहले दूर बैठे लोगों से बात करने का एक साधन था पत्र। जिसे आज के समय में भी कई क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है।
विद्यालय में अधिकतर विद्यार्थियों को पत्र लेखन का ज्ञान दिया जाता है। क्योंकि विद्यालय में अवकाश प्राप्त करने हेतु, छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाने हेतु, विद्यालय फीस की मांफी हेतु पत्र लिखा जाता है। इस प्रकार विद्यार्थी जीवन में पत्र का विशेष महत्व है।
पत्र लेखन क्या है?
पत्र लेखन एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए हम सूचनाओं का आदान प्रदान किया करते हैं। इतना ही नहीं पत्र के माध्यम से सूचनाओं के साथ-साथ भावनाओं का भी आदान-प्रदान होता है। हम अपने विचारों को पत्र के माध्यम से दूसरों तक पहुंचाने में सक्षम हो पाते हैं।
पत्र लेखन के प्रकार
पत्र लेखन दो प्रकार का होता है –
1. औपचारिक पत्र लेखन
औपचारिक पत्र लेखन में व्यवसायिक पत्रों का सम्मिलित किया जाता है। इन पत्रों को लिखने के लिए एक निश्चित प्रारूप तैयार किया जाता है। अधिकारियों को लिखे जाने वाले पत्र भी औपचारिक पत्र के अंतर्गत आते हैं।
2. अनौपचारिक पत्र लेखन
अनौपचारिक पत्र निजी पत्रों की श्रेणी में आते हैं। इन पत्रों को लिखने का कोई निश्चित प्रारूप नहीं होता है। यह पत्र विशेषकर रिश्तेदारों, दोस्तों इत्यादि के लिए लिखे जाते हैं।
इस प्रकार पत्र लेखन निश्चित रूप से एक पुराना संचार साधन है लेकिन वर्तमान जगत में भी पत्र लेखन का प्रयोग किया जाता है। जिसके चलते आज भी पत्र लेखन का अस्तित्व बना हुआ है।