अपने मित्र को एक पत्र लिखिए। जिसमें मेला देखने का वर्णन कीजिए

संजय नगर,
निगम कालोनी,
बरेली।
दिनांक………

मित्र अशोक,
नमस्ते।

आशा करता हूं कि तुम व तुम्हारा परिवार सकुशल होंगे। मैं तुम्हें पिछले कई दिनों से पत्र लिखने की सोच रहा था। हमारी परीक्षाएं समाप्त होने के बाद से हम एक दूसरे से बात नहीं कर पाएं।

गत सप्ताह मैं अपने परिवार सहित कुंभ मेला देखने के लिए गया था। मैंने सोचा कि मैं तुम्हें वहां के अपने अनुभव से अवगत कराता हूं। इसी उद्देश्य से मैंने तुम्हें यह पत्र लिखा।
तुम जानते हो? कुंभ का मेला हर 12 वर्ष के बाद लगता है। यह मेला चार स्थानों पर हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक, उज्जैन में 12 वर्षों के अंतराल पर लगता रहता है। मैं और मेरे परिवार के सदस्य कुंभ मेले का आनंद लेने के लिए हरिद्वार गए थे। जब हम हरिद्वार पहुंचे तो वहां कुंभ मेले के स्थान के पास ही बहुत सी धर्मशालाएं बनी थी। उन में से एक धर्मशाला में हम सब भी ठहर गए थे।
अगली सुबह हम सब कुंभ मेले में शाही स्नान के लिए चल दिए। शाही स्नान के लिए वहां रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है, जो कि पिता जी ने करा लिया था। इस शाही स्नान का धार्मिक रूप से विशेष महत्व है। मैं जब तुम्हें मिलूंगा तब कुंभ मेले का संपूर्ण इतिहास बताऊंगा। व वहां मैंने जो तस्वीरें ली वह भी दिखाऊंगा।

मैं तुम्हारे लिए कुंभ मेले का पवित्र जल भी लाया हूं। मुझे तुम्हें वह भी देना है। आशा करता हूं कि हमारी शीघ्र ही भेंट होंगी।

तुम्हारा बंधुवर,
अजय सोलंकी।
गाज़ियाबाद।

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