प्रार्थना पत्र वे पत्र होते हैं जो औपचारिक पत्रों की श्रेणी में आते हैं। इन पत्रों के अन्तर्गत पत्र प्रेषणकर्ता निश्चित विषय पर अनुरोध अथवा प्रार्थना करने हेतु पत्र लिखता है।
प्रार्थना पत्र क्यों लिखा जाता है?
प्रार्थना पत्र, किसी विषय पर उससे संबंधित विभाग के व्यक्ति अथवा संगठन से अनुरोध करने अथवा किसी विषय पर प्रार्थना करने हेतु लिखा जाता है। सरल शब्दों में यदि कोई व्यक्ति अपनी किसी बात के लिए सामने वाले वरिष्ठ व्यक्ति से स्वीकृति, आज्ञा तथा प्रार्थना करता है, तो उसके लिए प्रार्थना पत्र लिखा जाता है।
प्रार्थना पत्र किसे लिखा जाता है?
प्रार्थना पत्र औपचारिक तौर पर, विद्यालय के प्रधानाचार्य को, बैंक के अधिकारी को, विद्यालय प्रबंधक को इत्यादि को लिखा जाता है।
प्रार्थना पत्र कैसे लिखा जाता है?
प्रार्थना पत्र औपचारिक ढंग से, पूर्ण औपचारिक भाषा में लिखा जाता है। इसके अतिरिक्त, प्रार्थना पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- स्वच्छता – जिस कागज पर पत्र लिखा जा रहा हो, वह साफ तथा सफेद रंग का होना उचित रहता है।
- संक्षेप – प्रार्थना पत्रों में संक्षिप्त विवरण लिखना चाहिए।
- पत्र के प्रारूप में, सर्वप्रथम ‘ सेवा में ‘ शब्द लिखकर शुरुआत की जाती है।
- उसके बाद, जिस भी अधिकारी के लिए पत्र लिखा जा रहा हो, उसके लिए उसके पद का नाम, संस्था का नाम तथा संस्था का पता लिखा जाता है।
- कुछ लाइन छोड़कर विषय लिखकर उसके आगे जिस भी विषय पर पत्र लिख रहे हैं उसको संक्षिप्त में लिखें।
- तत्पश्चात् महोदय/महोदया/ मान्यवर आदि शब्दों का प्रयोग करते हुए अपने प्रार्थना पत्र को लिखना शुरू कर देना चाहिए।
- विषय समाप्त होने वाली पंक्ति में धन्यवाद/ सधन्यवाद शब्द लिखते हैं।
- पत्र के अंतिम भाग में ‘आपका विश्वासपात्र’ शब्द लिखकर प्रार्थना पत्र भेजने वाले का नाम लिखें तथा दिनांक लिखें।
प्रार्थना पत्र का उदाहरण
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को 3 दिन के अवकाश की मांग करने हेतु प्रार्थना पत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य जी,
सरस्वती बाल विद्या मंदिर,
गांधी नगर, नैनीताल मार्ग बरेली।
विषय: अवकाश मांगने हेतु प्रार्थना पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि गत दिन पूर्व मेरा स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया। तेज ज्वर, जुखाम तथा खांसी के कारण मैं शारीरिक रूप से इतना कमजोर हो गया कि बिस्तर से उठना भी मुश्किल हो रहा था। जिस कारण में विद्यालय आने में भी असमर्थ था। ऐसे में मेरे अभिभावक मुझे निदान हॉस्पिटल उपचार हेतु लेकर गए। डॉक्टर ने मेरी स्थिति को देखते हुए मुझे परामर्श दिया है कि अगले 2 दिनों तक मुझे आराम करना आवश्यक है।
अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप मुझे 3 दिन का अवकाश देने की कृपा करें। इसके लिए मैं आपका सदैव आभारी रहूंगा।
सधन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी छात्र,
केशव पटवा,
कक्षा – आठवीं (क)
दिनांक…….
उम्मीद करते हैं कि उपरोक्त लेख के माध्यम से आपको प्रार्थना पत्र किसे कहते हैं? कैसे लिखे जाते हैं? तथा किस प्रकार लिखे जाते हैं? जैसे प्रश्नों का उत्तर अवश्य प्राप्त होगा।