कोरोना के समय में घर में रहने हेतु अपने मित्र को पत्र लेखन।

सरौनी गांव,
नबावगंज क्षेत्र,
दूना।

दिनांक….

प्रिय मित्र,
संजय।

आशा करता हूं कि आप व आपका परिवार सकुशल होगें। मुझे खेद है कि गत कुछ महीनों से मैं आपको खत नहीं लिख पाया। आप मेरे सबसे पुराने व प्रिय मित्र है। मैं आपको सदैव स्मरण करता हूं।
इस समय देश की स्थिति से आप अवगत ही होंगे। कोरोना वायरस नाम की महामारी तमाम शहरों में बेहद बढ़ चुकी है। ऐसे में पूरे देश में हमारी सरकार द्वारा लॉकडाउन का प्रबंध कर दिया गया है। इस महामारी के प्रकोप से बचने के लिए आवश्यक है कि हम घर से बाहर ना निकलें व दूरी बना कर रखें। मैं आपकी सेहत की कुशलता के लिए अनुरोध करता हूं कि आप भी घर में रहने का प्रयास करें। अत्यंत आवश्यकता होने पर ही घर से बाहर जाने का कदम उठाएं।साथ ही कोरोना वायरस से बचने के घरेलू उपायों को भी अपनाएं।
उम्मीद करता हूं कि आप मेरी बात से सहमत होकर अपने व अपने परिवार की सुरक्षा के प्रति और अधिक सचेत हो जाएंगे।
धन्यवाद।

आपका परम मित्र,
चपक भटनागर।
ऋषिकेश।

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