कैलाश नगर,
रौनक पुर रोड,
कानपुर।
दिनांक…….
प्रिय मित्र,
अजय।
मुझे कल ही दैनिक समाचार पत्र में छपी तुम्हारी खबर के माध्यम से यह ज्ञात हुआ कि तुमने विद्यालय की ओर से टेबिल टेनिस खेल में राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक जीता है। इसमें तुम्हारी तस्वीर स्वर्ण पदक के साथ छपी हुई थी। यह खबर पढ़कर मुझे अत्यंत खुशी हुई। और फिर मैंने तुम्हें पत्र लिखकर बधाई देने की सोची। अब सर्वप्रथम तुम्हारी इस शानदार सफलता के लिए तुम्हें हृदय से बहुत-बहुत बधाई।
तुम इसी प्रकार अपने जीवन में सफलता के शिखर को हासिल करो तथा अपना तथा राज्य का नाम सम्पूर्ण देश में रोशन करो।
मित्र, मैं जानता हूं कि टेबिल टेनिस के खेल में तुम्हें बचपन से ही अति रुचि रही है। विद्यालय स्तर पर कराई जाने वाली खेल प्रतियोगिताओं में तुमने कई बार प्रतिभाग किया है। और अधिकतर सभी प्रतियोगताओं में उचित स्थान प्राप्त किया है। खेल में अभ्यास करने के साथ-साथ पढ़ाई पर भी ध्यान देना कठिन है। लेकिन तुमने अपनी पढ़ाई भी सफल रूप से पूरी की। तथा अब टेबिल टेनिस के खेल में भी अपना बेहतर प्रदर्शन कर रहे हो।
पिछले दो वर्षों से तुमने टेबिल टेनिस के खेल का जिस प्रकार दृढ़ता से अभ्यास करना शुरू किया था। उसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। तुम्हारी मेहनत, प्रयास तथा लगन का ही नतीजा है कि आज तुम एक स्वर्ण पदक विजेता घोषित किए गए हो। अख़बार पर तुम्हारा नाम पहले पृष्ठ पर छापा गया है। यह पल तुम्हारे माता पिता के लिए अत्यंत अहम पल है। उन्हें तथा तुम्हारे पूरे विद्यालय को तुम पर गर्व है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह तुम्हें इसी प्रकार से हमेशा सफलता का मार्ग प्रशस्त करते रहें।
एक बार पुनः मैं तुम्हें तुम्हारी इस शानदार जीत के लिए बधाई देता हूं।
तुम्हारा मित्र,
अशोक।
लखनऊ।