सेवा में,
संपादक महोदय,
नवभारत समाचार पत्र,
कोलवालान गली,
गोरखपुर कार्यालय (उ. प्र.)।
विषय- दूरदर्शन के कार्यक्रम से संबंधित पत्र।
मान्यवर,
दूरदर्शन मनोरंजन का एक ऐसा साधन है। जिस पर प्रसारित कार्यक्रम बच्चें, बूढ़े तथा प्रत्येक उम्र के लोग देखते हैं। दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों, समाचारों तथा सूचनाओं का सीधा प्रभाव समाज पर पड़ता है। ऐसे में यह विशेष रूप से ध्यान देने योग्य बात है कि दूरदर्शन पर जिस भी कार्यक्रम का प्रसारण किया जाए, वह मानसिक रूप से स्वास्थ्यवर्धक हो। परंतु आजकल मैंने देखा है कि दूरदर्शन पर अधिकतर कार्यक्रम सास – बहू – बेटियों जैसे देखने को मिल रहें हैं। लड़ाई- झगड़ों से संबंधित नाटक बच्चों पर गलत प्रभाव डाल रहे हैं।
इसके अतिरिक्त दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यकर्म अंग्रेजी भाषा में दिखाए जाने लगे है। जिससे अंग्रेजी भाषा को ना समझने वाले दर्शक दूरदर्शन के कार्यक्रम का लाभ नहीं ले पाते। बच्चों तथा युवाओं से संबंधित कार्यक्रमों का प्रसारण भी नहीं किया जा रहा है। जो कि देश के लिए अत्यंत आवश्यक है। देश- भक्ति, बाल कथाएं इत्यादि प्रचलित विषयों पर प्रसारण किया जाएं। ताकि यह युवाओं के लिए भी ज्ञानवर्धक सिद्ध हो। हालांकि चित्रहार, कृषि दर्शन, दिलदरिया आदि सीरियल आज भी समाज में लोकप्रिय है। लेकिन इन कार्यक्रमों में युवाओं तथा बच्चों के हितकारी प्रसारण की कमी है।
महोदय, मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप यह सूचना अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करके दूरदर्शन केंद्र तक पहुंचाने की कृपा करें। मुझे आशा है कि दूरदर्शन केंद्र मेरी इन सभी बातों से सहमत होकर ध्यानपूर्वक कार्यक्रमों का प्रसारण करेंगे।
सधन्यवाद।
भवदीय,
कैलाश चन्द्र,
लेखक,
गोरखपुर।
दिनांक…..