नानाजी को पत्र लिखकर बताइए कि वह ग्रीष्मकाल में कोरोना संकट से बचाव करते हुए घर में अपना समय कैसे बिताएं।

सेक्टर – 67,
वीडियो कॉलोनी,
उत्तम नगर,
फिरोजाबाद।

आदरणीय नाना जी,
आपको सादर प्रणाम।

आशा करता हूं कि आप व नानी जी कुशलता से होंगे। मुझे गत सप्ताह पहले आपका पत्र प्राप्त हुआ था। जिसमें आपने मुझे कोरोनावायरस के संक्रमण की विकट परिस्थिति के विषय में विस्तार से बताया था। वास्तव में, यह समय हम सभी के लिए धैर्य व सावधानी बरतने का है। चीन से आने वाले इस वायरस के कारण देश में लाखों लोगों की जान चली गई। कितने लोगों का परिवार उजड़ गया। एक महामारी ने पूरे विश्व को अपने कब्जे में कर लिया है। वायरस के संक्रमण को देश में फैसने से रोकने के लिए सरकार द्वारा लॉकडॉउन की व्यवस्था की गई। जिसके चलते मेरी पढ़ाई भी ठीक से नहीं हो पा रही है। लेकिन घर पर रहकर भी मैं अपना अध्ययन कार्य नहीं छोड़ता। इसके अतिरिक्त मैंने इस समय घर पर रहकर कई अन्य घरेलू गतिविधियों का भी अनुभव प्राप्त किया।

नाना जी, महीने की शुरुआत से ही गर्मी ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है। आप घर पर रहकर कोरोना गाइडलाइन का पालन कीजिए। साथ ही बाहर निकलते समय कोरोना संक्रमण से बचने के लिए उचित सावधनियों पर ध्यान दीजिए। सैनिटाइजर एवं मास्क का उपयोग करके ही बाहर के कार्य करिए। साथ ही सामाजिक स्थलों पर जाते समय उचित दूरी बनाए रखने का प्रयास करिए। आप व नानाजी अपने शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले भोजन का सेवन कीजिए। बाहर से सब्जी तथा फल लाकर उसे अच्छे से धोकर, साफ़ करके खाइएगा। इसके अतिरिक्त समस्त प्रदेशों में कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। आप अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर, सर्वप्रथम डॉक्टर से परामर्श लेकर जल्दी ही वैक्सीन लगवाइए। मैं प्रत्येक सप्ताह की तरह हर सप्ताह पत्र लिखकर आपके स्वास्थ्य की जानकारी लेता रहूंगा।

मुझे विश्वास है कि शीघ्र ही इस बीमारी का अंतिम दिन आएगा। उसके बाद मैं आपसे मिल पाऊंगा। मुझे आपकी व नानी जी की बहुत याद आती है। अंत में, माता जी की ओर से आपको प्रणाम तथा मेरी ओर से नानी जी के चरण स्पर्श।

आपका प्रिय अनुज,
काशी,
वाराणसी।
दिनांक……

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