ब्लॉक नंबर 18
विकास नगर,गाज़ियाबाद।
प्रिय मित्र,
संजय रस्तोगी,
नमस्ते।
आशा करता हूं कि आप सकुशल होंगे। पिछले कुछ दिनों से आपसे उचित रूप से वार्तालाप नहीं हो सकी है। एकाएक गत दिन पूर्व मुझे आपका आमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ था। जिसमें आपने उल्लेख किया है कि आप अपने जन्मदिन के अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन कर रहे हैं। मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि आपने अपने जन्मदिन के अवसर पर अपने निवास स्थान पर काव्य गोष्ठी का आयोजन करने का निर्णय लिया है। इस काव्य गोष्ठी में आपने मुझे अपने मित्र के साथ-साथ एक कवि के रूप में भी आमंत्रित किया है। जिसके लिए मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।आप जानते है कि बचपन से ही मेरी कविता पाठन में विशेष रूप से रुचि रही है। जिसके फलस्वरूप मैंने विभिन्न काव्य गोष्ठी में अपनी कला का प्रदर्शन किया है। मैं अपनी काव्य गोष्ठी की प्रतिभा से आपके काव्य समारोह में भी चार चांद लगा दूंगा। मुझे विश्वास है कि आपको हमारे पुराने दिनों का स्मरण अवश्य हो जाएगा।
मित्र, मैं जानना चाहूंगा कि काव्य गोष्ठी में आपने हमारे पुराने मित्रों को आमंत्रित किया या नहीं? आपके काव्य गोष्ठी समारोह के चलते उन सभी मित्रों से भी मुलाकात निश्चित हो जाएंगी। इसके अतिरिक्त काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि कौन पधार रहे हैं? आखिर इन्हीं से तो काव्य गोष्ठी समारोह की विशेष रौनक रहेंगी। मैं आपके जन्मदिन के लिए अत्यंत उत्सुक हूं। यदि आपको किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो तो बिना किसी संकोच के आप मुझे बता सकते हैं। आपकी यथासंभव सहायता हेतु मैं सदैव तत्पर हूं। आप अपना व अपने परिवार का ध्यान रखें। मेरे यहां भी सब सकुशल है।इस आमंत्रण हेतु एक बार पुनः आपका धन्यवाद।आपकी कुशल कामना सहित।
आपका प्रिय घनिष्ट मित्र,
त्रिदेव चौहान।
सरस्वती नगर,विजयवाड़ा,झारखंड, उत्तर प्रदेश।