गाँव में रहनेवाले अपने बड़े भाई, जो बहुत गुटखा खाते हैं और दिन-रात शराब के नशे में चूर रहते हैं- को पत्र लिखकर इससे होनेवाली हानियों से उन्हें आगाह करें

चिटौली,
फतेहगंज उत्तर,
बरेली।

दिनांक…

पूजनीय पिता समान
दिनेश भैया जी,
आपको सादर नमस्कार।

आशा करता हूं कि आप व परिवार के अन्य सदस्य सब सकुशल होंगे। परंतु आपके सेहत और जीवनयापन के विषय में मुझे जो खबर प्राप्त हुई उससे मेरी आशा निराशा में परिवर्तित होने लगी हैं। आप जानते हैं कि मैं एक अच्छी नौकरी के लिए आप सभी से दूर यहां अहमदाबाद में रह रहा हूं। ताकि अच्छे रूपए कमाकर मैं आप सभी की जरूरतों को पूरा कर पाऊं। लेकिन कल रात जब गांव के मुरली चाचा का पत्र मुझे मिला तो मैं दुःख में डूब गया। उन्होंने आपके प्रतिदिन की दिनचर्या बताई। भोजन करने के स्थान पर आप गुटखे का सेवन करते हैं व शराब का सेवन भी लगातार बढ़ता जा रहा है।

भैया, शराब और गुटखा दोनों आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। यह आपकी सेहत को दिन प्रतिदिन खराब करता जाएगा। मुंह व गले के कैंसर का कारण भी गुटखा हैं। इससे मुंह में अत्यंत दुर्गन्ध आनी शुरू हो जाती है।
साथ ही शराब भी सेहत को खराब करने में मशहूर हैं। शराब मनुष्य की सोचने समझने की क्षमता को नष्ट कर देती है। शराब के नशे में मनुष्य को कोई ज्ञान नहीं रहता कि वह क्या उचित कर रहा हैं व क्या अनुचित।

भैया, आपको स्वयं यह समझना होगा कि मै परिवार से दूर यहां अहमदाबाद में हूं, और वहां बस आप ही हैं जो परिवार के सदस्यों जिसमें हमारी दो छोटी बहन भी है, का ध्यान रखने के लिए उपस्थित हो। और यदि आप ही अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखेगे तो फिर उन्हें कौन संभालेगा।

शराब और गुटखा जैसी बुरी आदतों के कारण आप अपने और अपने परिवार के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते है।
मैं जब गांव आऊंगा तब आपको शराब और गुटखा के नुक़सान की विस्तृत रिपोर्ट दूंगा। तब तक के लिए आपसे निवेदन है कि आप इन हानिकारक पदार्थों के प्रति सचेत हो जाइए।

आपका छोटा भाई,
अंशुल,
अहमदाबाद।

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