सेक्टर- 61,
अखिल एन्क्लेव,
चौरासी नगर,
नोएडा।
दिनांक……..
प्रिय पुत्र,
दिवांग।
आशा करती हूं कि तुम सकुशल होंगे। सबसे पहले मैं तुम्हारे जन्मदिन के अवसर पर हार्दिक बधाई देना चाहती हूं। मेरा आशीर्वाद सदैव तुम्हारे साथ है। पिछले सप्ताह मुझे तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ था। तुमने बताया था कि अब तुम्हारी परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाएगा। मुझे विश्वास है कि तुम अपनी हमेशा की तरह बेहतर परिणाम प्रदर्शित करोगे।
पुत्र, हम तुम अपने जीवन के किशोरावस्था में कदम में रख चुके हो। जो कि किसी व्यक्ति के जीवन का सबसे अहम पड़ाव होता है। यही समय व्यक्ति का काबिल बनने का होता है। अपने सपने को पूरा करने का होता है। यदि इस उम्र में ही तुमने अपने लक्ष्य को निर्धारित करके उसे पाने के लिए प्रयास करने लगे तो उसके बाद आजीवन तुम एक सुकून की जिंदगी व्यतीत कर सकोगे।
मैं चाहती हूं, कि इस वर्ष की परीक्षा के परिणाम प्राप्त होने के बाद तुम अपने भविष्य के विषय में गहनता से विचार करो। अभी से ही अपने भविष्य में कुछ बनने का सपना तैयार करो। जिससे कि तुम्हें आगे चलकर किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़ा। इसलिए अभी से अपनी छोटी-छोटी जिम्मेदारियों को समझने का प्रयास करो। समाज में अच्छे- बुरे की पहचान करना सीखो। जो लोग तुम्हें तुम्हारे लक्ष्य से दूर करने की कोशिश करें उनसे दूर रहो।
सबसे महत्वपूर्ण, इस अवस्था में हर बच्चे के दोस्त होते हैं। परंतु इनमें दोस्तों का अच्छा होना भी जरूरी है। तुम अपनी तरफ से कभी किसी को तकलीफ मत पहुचनें देना। लेकिन दोस्तों का चयन अच्छे से सोच समझ करना। मैंने और तुम्हारे पिता जी ने तुम्हारे उज्ज्वल भविष्य के सपने सजाएं है। हम चाहते है कि तुम सदैव खुश रहो तथा तरक्की करते रहो। इसलिए अच्छे से पढ़ने के साथ-साथ समझदार तथा जिम्मेदार बनने का प्रयत्न करो।
तुम्हारी मां,
गाज़ियाबाद।