शास्त्री भवन
आर्य समाज गली,
मोदी नगर, चेन्नई।
दिनांक…
आदरणीय पिता जी,
आपको मेरा प्रणाम।
आशा करता हूं कि आप सकुशल होंगे। मैं और माता जी भी यहां कुशलता से है। मुझे यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि दो सप्ताह पहले ही मेरे विद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। जिसके साथ ही मेरी गर्मियों की छुट्टियों अब शुरू हो गई हैं। मैंने सोचा था कि इन छुट्टियों में मैं आपके साथ नैनीताल की यात्रा के लिए जाऊंगा। लेकिन कल ही मेरे स्कूल की ओर से मुझे एक नोटिस प्राप्त हुआ है।
जिसमें यह सूचना दी गई है कि उनकी ओर से “स्कूल के सभी बच्चों के लिए गर्मियों की छुट्टियों में महाबलेश्वर पर्यटन का आयोजन किया है। जो भी छात्र इस यात्रा पर जाने के लिए इच्छुक हैं। वे अपने पिताजी से पर्यटन में सम्मिलित होने हेतु अनुमति पत्र प्राप्त कर हमें शीघ्र सूचित करें। जिससे कि तुम्हारा नाम पर्यटन यात्री छात्रों की सूची में शामिल किया जा सके।”
पिता जी, इस पर्यटन आयोजन में मेरे सभी मित्र शामिल हो रहे हैं। मेरे परम मित्र अशोक और सूरज भी इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं। जिस कारण मेरा भी इस पर्यटन आयोजन में सम्मिलित होने का मन है। मुझे जब से यह सूचना मिली है तब से मैं महाबलेश्वर पर्यटन पर जाने के लिए अत्यंत उत्साहित हूं।
महाबलेश्वर महाराष्ट्र का बहुत ही सुंदर हिल स्टेशन है। जो कि स्ट्राबेरी की खेती, अपनी हरियाली, ऊंचे पहाड़ तथा प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है। यहां अक्सर लोग अपनी गर्मियों की छुट्टियों में घूमने के लिए आते हैं। स्कूल की ओर से मुझे यह अवसर मिल रहा है। कि मैं भी इस हिल स्टेशन की खूबसूरती का दृश्य देख सकूं।
अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप भी मुझे स्कूल की ओर से आयोजित इस महाबलेश्वर के पर्यटन आयोजन में शामिल होने की अनुमति प्रदान करें। मुझे विश्वास है कि आप मुझे निराश नहीं करेंगे।
आपका प्रिय पुत्र,
गौतम,
मुंबई।