सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण समाचार,
मुख्य कार्यालय,
नई दिल्ली।
विषय- दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों की अपेक्षा के संबंध में।
महोदय,
मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र के माध्यम से दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों की अपेक्षा की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं। दिल्ली में स्थित सरकारी स्कूल की इमारतें अत्यंत जर्जर हालत में है। विद्यालय की छत से बरसात के समय में पानी भी गिरता है।
इसके अतिरिक्त विद्यालय में पूर्ण शिक्षा व्यवस्था हेतु उचित शिक्षकों की संख्या में भी कमी है। जिस कारण विद्यालय में शिक्षा का स्तर दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा है। मात्र आर्थिक रूप से असहाय बच्चें ही विद्यालय में मजबूरन अपना दाखिला कराते है। लेकिन उन्हें भी आवश्यक शैक्षिक सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
इसके साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों की अपेक्षा प्राइवेट विद्यालयों को अधिक महत्व दिया जाता है। प्राइवेट विद्यालयों की शिक्षा को लेकर जो शिकायतें होती है, उनका निवारण सरकारी विद्यालयों की अपेक्षा पहले किया जाता है। इस भेदभाव के कारण कई विद्यार्थी जो सरकारी विद्यालय में पढ़ते हैं। भविष्य में उन्हें अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। विद्यालय की ओर से कई बार इन परिस्थितियों में सुधार करने हेतु पत्र लिखकर शिक्षा विभाग को भेजा गया। किन्तु सरकार ने इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई। जिस कारण विद्यालयों की स्थिति अनुचित स्तर पर पहुंच गई।
अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप यह विषय अपने प्रतिष्ठित समाचार पत्र में प्रकाशित करें। जिससे दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों की स्थिति में सुधार करने हेतु उचित निर्णय लेने का प्रयास किया जाए। जिससे कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को भी आवश्यक शिक्षा सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो सके।
इसके लिए आपके सदा आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद।
भवदीय,
रौनक चतुर्वेदी,
जेपीएम रोड,
दिल्ली।
दिनांक…..