सेवा में,
माननीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी,
समाज कल्याण मंत्रालय,
नई दिल्ली।
विषय- दहेज प्रथा पर कानूनी रोक के संबन्ध में सूचना पाने के लिए।
मान्यवर,
दहेज प्रथा समाज के ऊपर लगा ऐसे कलंक है, जो कई वर्षों के प्रयासों से भी नहीं मिट पाया है। इस प्रथा के कारण नव- वधू का जीवन अत्यंत कष्टमयी सिद्ध हो जाता है। दहेज के लोभ में लिप्त लोग अमानवीयता तथा दुराचार करने में बिल्कुल संकोच नहीं करते। यह अत्यंत शर्म की बात है। कि जब समाज की हर महिला सशक्त बनने के मुकाम पर है। ऐसे में समाज के कुछ लोग उस मुकाम के रास्ते पर रोड़ा बनकर सामने आ जाते है। चंद रुपयों के मोह में वे इंसानियत की बलि चढ़ा देते है। अपनी बेटी समान बहू का गला घोट देते है, आग लगा देते है। इसकी कल्पना भी अत्यंत निर्मम है।
हमारी ओर से इस प्रथा के विरूद्ध कई जागरूकता अभियान शुरू किए गए है। जिससे गरीब, कस्बे की वे महिलाएं जो इस दहेज प्रथा से पीड़ित है, अपने साथ हो रहे है अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर सके। हम आपसे दहेज प्रथा पर कानूनी रूप से रोक के संबंध में निम्नलिखित सूचना पाने के लिए यह पत्र लिख रहे हैं।
- दहेज प्रथा को रोकने के लिए कानूनी नियम क्या है?
- समाज को दहेज के प्रति सचेत करने के लिए क्या क्या प्रावधान बनाए गए हैं?
- दहेज प्रथा के किसी केस की खबर मिलने पर किस कार्यालय अथवा अधिकारी को सूचना देनी चाहिए?
- दहेज प्रथा को प्रेरित करने वालो पर जुर्माना तथा किस सज़ा का प्रावधान है?
उपरोक्त सूचना के माध्यम से समाज में व्याप्त दहेज प्रथा के प्रति लोगों के अंदर डर पैदा होगा। संभावित रूप से दहेज प्रथा से पीड़ित महिलाएं अपने हक के लिए सामने आएंगी। आशा करते है कि आप हमारे इस पत्र का उत्तर शीघ्र प्रेषित करेंगे।
सधन्यवाद।
भवदीय,
माया रागविहार,
तिरुवनंतपुरम।
दिनांक………