सेवा में,
डिप्टी कमिश्नर महोदय,
जिला रोहतक, हरियाणा।
मान्यवर,
निवेदन यह है कि अपने इस पत्र द्वारा आपका ध्यान रोहतक जिले से सटे गांव की बाढ़ में हुई क्षति और दुर्गति की ओर दिलाना चाहता हूं।
यह गांव तहसील सोनीपत से लगभग 10 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। इस गांव के आस पास यद्यपि कोई नदी नाला नहीं है, जिससे किसी प्रकार की बाढ़ का खतरा बना रहे तथापि पिछले दिनों अतिवृष्टि से यहां बाढ़ की सी स्तिथि उत्पन्न हो गई है। कई दिनों की लगातार मूसलाधार वर्षा से यहां के अधिकांश कच्चे मकान ढह गए हैं और घास फूंस की झोपड़ियां बैठ गई हैं। अधकच्चे मकानों की छतें बैठ गई है, और पशु उनमें दबकर मर गए हैं। यहां से पांच मील दूर की यमुना ने तो और भी कष्ट दिया है। उसका पानी भी इस ओर आने लगा है। जिससे आस पास के खेतों का सत्यानाश हो गया है।
गांव की कच्ची गलियों में अब भी कहीं कहीं घुटनों तक पानी भरा हुआ है। इस बाढ़ से किसान परेशान हो चुके हैं। वे विवश होकर घरों में पड़े हाथ मल रहे हैं। चौपाल तक जाने की भी उनकी हिम्मत नहीं हो रही है। कई दिनों के भूखे प्यासे जानवर प्राण त्याग रही हैं। प्रतिदिन की मजदूरी से पेट भरने वाले मजदूरों का भी बुरा हाल है, उनको जान के लाले पड़े हैं। दो तीन दिनों के लिए संग्रह किया हुआ उनका राशन समाप्त हो चुका है और उनके बच्चे भूख से बिलख रहे हैं। सारा गांव अस्त व्यस्त है और एक झील सा दिखाई देता है। पानी के निकास की व्यवस्था न होने के कारण खड़े हुए पानी में दुर्गंध उत्पन्न हो गई है। मुझे भय है कि बाढ़ के विनाश के बाद कहीं महामारी न फैल जाए।
अत: आपसे सविनय निवेदन है कि उपयुक्त गांव को अपना संरक्षण प्रदान करें और दैवीय विनाश के पश्चात् इस गांव के बचे हुए धन जन की हानि को रोकने का प्रयत्न करें। इस गांव की विपदा ग्रस्त जनता की सहायता के लिए शीघ्र अतिशीघ्र शासकीय आदेश जारी करके अनुग्रहित करें। सरकार को पूर्ण और सहायता देने के लिए यहां युवक और समर्थ व्यक्ति प्रति क्षण प्रस्तुत सहयोग है।
धन्यवाद सहित,
प्रार्थी,
शंकर सिंह चौहान और समस्त गांववासी