बधाई पत्र अनौपचारिक पत्रों के अन्तर्गत आने वाले वे पत्र होते है जो खुशी जाहिर करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। यह पत्र विशेष अवसर पर ही लिखें जाते हैं।
बधाई पत्र क्यों लिखते हैं?
बधाई पत्र जन्मदिवस की बधाई देने हेतु, परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर, अच्छी नौकरी लगने पर, शादी अथवा विवाह होने पर, कोई वाहन खरीदे जाने पर, मकान आदि खरीदने पर, शादी की वर्षगांठ पर, किसी विशेष त्यौहार मनाने पर एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को लिखें जाते हैं।
बधाई पत्र किसे लिखते हैं?
ये पत्र घरेलू, पारिवारिक, सामाजिक तथा अनौपचारिक पत्रों का रूप है। अतः ये पत्र अपने किसी घरेलू अथवा पारिवारिक से सम्बन्धित व्यक्ति को लिखे जाते हैं। साथ ही सामाजिक स्तर से अपने किसी मित्र, पड़ोसी, सहपाठी आदि के जन्मदिन के अवसर पर तथा अन्य खुशी के मौके पर बधाई पत्र लिखें जाते हैं।
बधाई पत्र कैसे लिखते हैं?
बधाई पत्र लिखने से पूर्व निम्नलिखित नियमों को ध्यान में रखना चाहिए।
- भाषा – बधाई पत्रों की भाषा अत्यंत सरल तथा घरेलू होनी चाहिए। साथ ही इन पत्रों में प्रसन्नचित शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- भाव- व्यक्त – बधाई पत्र जिनको लिखे जाते है उनसे हमारे व्यक्तिगत संबंध होते है। इसलिए इन पत्रों में आत्मीय भाव से अपनी बात को लिखा जाता है।
- संबोधन – इन पत्रों की शुरुआत में पाने वाले का पता लिखने के बाद संबोधन शब्द लिखे जाते हैं। पत्र पाने वाले के अनुरूप संबोधन शब्द का प्रयोग किया जाता है। जैसे – बड़ों के लिए – पूजनीय, आदरणीय, माननीय इत्यादि। तथा छोटे अथवा बराबर के लोगों के लिए प्रिय मित्र, प्रिय भाई, स्नेही बहन इत्यादि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
- अभिवादन – बधाई पत्र पाने वाले के अनुरूप ही अभिवादन से संबंधित शब्दों का प्रयोग किया जाता है। जैसे, बड़ों के लिए – नमस्कार, चरण स्पर्श तथा छोटे अथवा बराबर के लोगों के लिए – नमस्ते आदि।
- विषय वस्तु – बधाई पत्र के मुख्य विषय वस्तु के अन्तर्गत, जिस भी विशेष कार्य अथवा अवसर की बधाई देने हेतु पत्र लिखा गया है। उसकी बधाई अथवा शुभकामनाएं लिखी जाती हैं।
- अंतिम वाक्य – इसके पश्चात अंतिम वाक्यांश के रूप में ‘शुभकामनाओं सहित’ जैसे शब्द लिखकर बधाई पत्र भेजे जाने वाले का नाम तथा पता लिख दिया जाता है।
बधाई पत्र का उदाहरण
मित्र के कक्षा में प्रथम स्थान आने पर बधाई देते हुए पत्र लिखिए।
मकान नंबर – 170,
वीडियो कॉलोनी,
सुरेश शर्मा नगर,
प्रयागराज।
दिनांक……..
प्रिय मित्र,
देव।
सप्रेम नमस्ते।
मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि तुमने इस वर्ष अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मैं तुम्हें तुम्हारी इस विशेष सफलता के लिए हृदय से बधाई देता हूं। तुमने आज अपने मित्र को गौरवान्वित करा लिया दिया।
विद्यालय के समस्त शिक्षक तथा शिक्षिकाए तुम्हारी इस सफलता से प्रसन्न है।
मुझे विश्वास था कि तुमने जिस प्रकार अपनी परीक्षाओं के आधार समय में लगन से काम पढ़ाई की थी। उसका परिणाम निश्चित ही शानदार होगा। तुमने केवल अपनी बात कक्षा में ही प्रथम स्थान प्राप्त नहीं किया बल्कि अच्छे अंको के माध्यम से विद्यालय के मेधावी छात्रों की श्रेणी से में शामिल हो चुके हो।
यह सफलता तुम्हारे माता – पिता के लिए विषय रूप से महत्वपूर्ण है। उन्हें तुम पर अत्यंत गर्व है। मैं आशा करता रहता हूं कि तुम इसी प्रकार अपने जीवन के हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल करोंगे।
शुभकामनाओं सहित,
तुम्हारा परम मित्र,
अर्जुन देव,
गोरखपुर।
Apane mitt me pas ak part like jisame apane school me honewala khel kud Ka varanan ho