ब्लॉक- 2,
संजय नगर कॉलोनी,
पंत नगर,
मेरठ।
दिनांक…..
प्रिय बहन,
कोमल।
आशा करता हूं कि तुम सकुशल होगी। मैं भी यहां कुशलता से हूं। गत दिन मुझे पिता जी का पत्र प्राप्त हुआ था। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह ही तुम्हारी बारहवीं की परीक्षाएं समाप्त हुई हैं। और परीक्षा समाप्त होते ही तुम्हारी दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई है। तुम्हारी असमय दिनचर्या को देखकर माता व पिता जी दोनों चिंतित हो गए हैं।
बहन, यह समय अब तुम्हारा आगे की पढ़ाई के विषय में सोचने का है। जिससे तुम अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकती हो। तुम जानती हो? अधिकतर सरकारी परीक्षाओं में आयु सीमा निर्धारित होती है। तुम्हारी आयु के आधार पर तुम अभी विभिन्न सरकारी परीक्षाओं में सफलता हासिल कर सकती हो। लेकिन उसके लिए तुम्हें अपने जीवन में समय को अधिक महत्व देना पड़ेगा। अन्यथा समय निकल जाने पर पश्चाताप के सिवा कुछ शेष नहीं रह जाएगा।
इसके अतिरिक्त असमय उठना, सोना इत्यादि दिनचर्या को समय के अनुसार व्यवस्थित करने का प्रयास करो। इस प्रकार की असामायिक दिनचर्या तुम्हारे स्वास्थ्य को भी अनुचित रूप से प्रभावित करेंगी। सुबह के समय जल्दी उठना व योग करना तुम्हारे पूरे दिन को व्यवस्थित करेगा।
इस साल अपने समय का सदुपयोग करो। अच्छी व ज्ञानवर्धक किताबें पढ़ो। तुम रोज दैनिक समाचारों को भी पढ़कर अपने ज्ञान में बढ़ोत्तरी कर सकती हो। साथ ही अपनी रुचि से संबंधित कार्यों में भी सलंग्न रहकर तुम स्वयं को बेहतर बना सकती हो। अपने समय का उचित उपयोग करके व्यक्ति सदैव सफलता की दिशा में आगे बढ़ता रहता है। मुझे विश्वास है कि तुम मेरी बातों को ध्यान में रखते हुए समय का सही उपयोग करोगी।
मेरी शुभकामनाएं सदैव तुम्हारे साथ हैं। अपना ध्यान रखना व माता जी व पिता जी को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारी प्रिय बड़ी बहन,
शालू,
यूनिक गर्ल्स हॉस्टल,
आरोग्य नगर,
मेरठ।
दिनांक……..