सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक समाचार पत्र,
रतनपुर कॉलोनी, पंकी
कानपुर कार्यालय,
उत्तर प्रदेश।
विषय- सरकारी अस्पतालों की दुर्व्यवस्था का उल्लेख करते हुए पत्र।
मान्यवर,
मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र के माध्यम से राज्य सरकार का ध्यान शहर में स्थित तमाम सरकारी अस्पतालों की दुर्व्यवस्था की ओर आकर्षित करना चाहता हूं।
निवेदन इस प्रकार है कि शहर के सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन अधिक संख्या में लोग अपने इलाज के लिए आते हैं। क्योंकि सरकारी अस्पतालों में कम खर्चे में इलाज संभव हो जाता है। साथ ही सरकार की ओर से व्यवस्थित होने के कारण अस्पताल में इलाज कराने हेतु विश्वास भी बढ़ जाता है। परंतु इस समय सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था अत्यंत खराब स्थिति में पहुंच चुकी है। अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड की कमी है। जिस कारण कई मरीज बिना इलाज के ही अस्पताल से वापस लौट जाते है। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों की शरण लेनी पड़ती है।
इसके अतिरिक्त, अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी से मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इमरजेंसी वार्ड में मरीजों को भर्ती तक नहीं किया जा रहा। अस्पतालों में जगह जगह सफाई व्यवस्था भी उचित प्रकार से नहीं की जाती। इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन, रूई आदि गंदगी फर्श को कोनों में दिखाई देती है। मरीजों का यह भी कहना है कि अस्पताल में इलाज संबंधी संसाधनों की कमी है। जिस कारण कई मरीजों ने इलाज के दौरान अस्पताल में ही जान गवां दी।
अधिकतर मरीजों के परिवार के सदस्यों द्वारा इस बात की शिकायत जिला अस्पताल के मुख्य अधिकारी को पत्र लिखकर की गई। लेकिन किसी भी अधिकारी द्वारा इस दुर्व्यवस्था की ओर ध्यान नहीं दिया है।
अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप इस समस्या को अपने मशहूर समाचार पत्र में प्रकाशित करके समस्त बड़े स्वास्थ्य अधिकारियों व सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करें। इस समस्या को अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करने के लिए मैं आपका सदा आभार मानूंगा।
सधन्यवाद।
भवदीय,
जितेन्द्र जौहर,
कानपुर,
दिनांक……