ब्लॉक- D,
अर्शना रेसीडेंसी,
रेहपुरा रोड,
मिनी बाईपास,
शाहजहांपुर।
दिनांक…..
प्रिय मित्र,
अशोक।
आपकी पुत्र वधू की असामयिक मृत्यु की खबर सुनकर हमें अत्यंत दुख हुआ है। ईश्वर आपके परिवार को इस दुखद परिस्थिति का सामना करने की शक्ति प्रदान करें।
हम सभी के लिए यह अत्यंत आश्चर्यजनक बात है। आपके पुत्र के विवाह को मात्र 2 वर्ष ही हुए थे साथ ही आपका 9 महीने का एक छोटा पोता भी है। ऐसी परिस्थिति में एकाएक इस खबर ने हमें हृदय से अत्यंत झंझोर कर रख दिया है। यह समय आपके पुत्र तथा पोते के लिए अत्यंत कठिन है। उनके लिए यह घटना जीवन भर के दुख का कारण बन गई है। संसार में जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है। परंतु असामयिक मृत्यु मरने वाले के साथ साथ उससे जुड़े अन्य रिश्तों का भी नाश कर देती है। निश्चित है की जो व्यक्ति इस संसार से चला जाता है वह कभी दुबारा इस संसार में वापस लौटकर नहीं आता है। केवल उस मृत व्यक्ति की यादगार लम्हे हमारे समक्ष जीवंत रहती है जो हमें हर घड़ी उस व्यक्ति का एहसास कराती है। मैं समझ सकता हूं शोक की इस घड़ी में आपके व आपके परिवार के ऊपर क्या बीत रही होगी। आपके इस दुख के समय में मैं आपके साथ हूं। भगवान से बारम्बार प्रार्थना करता हूं कि वह आपके पोते व पुत्र के जीवन यात्रा में आएं इस दुखद पर्वत को शीघ्र ही नष्ट कर दें।
मित्र, मृत्यु पर किसी का वश नहीं चला है। यह एक कटु सत्य है जो एक दिन सबके सम्मुख आता है। मृत्यु के समक्ष एक दिन सभी को खड़ा होना है। व अंत में अपने परिवार को छोड़ जाना है। आपके पुत्र वधू की असामयिक मृत्यु अपूरणीय क्षति है। आपके परिवार के लिए एक सुशील वधू तथा पुत्र के लिए उसकी मां की कमी पूरी कर पाना असम्भव है।
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह दिवगंत आत्मा को शांति प्रदान करें। मेरी सहानुभूति सदैव आपके साथ है।
तुम्हारा मित्र,
जितेन्द्र कुमार।
लखनऊ।