अमर शहीद पथ
गोमती नगर ,
लखनऊ।
दिनांक…..
आदरणीय पिता जी,
आपको सादर प्रणाम।
आशा करता हूं कि आप सकुशल होंगे। मैं भी यहां कुशलता से हूं। परंतु आपको सूचित करना चाहूंगा कि कुछ दिन पहले माताजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। मैंने उन्हें अस्पताल ले जा कर दिखाया, वहां डॉक्टर का कहना है कि डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। सर्दी के कारण बुखार का आना सामान्य बात है। लेकिन कमजोरी के लिए उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है। यह अधिक चिंता का विषय नहीं है इसीलिए आप परेशान नहीं होइएगा। अपनी परीक्षाओं में व्यस्त रहने के कारण मैंने बहुत दिनों के बाद आपको पत्र लिखा है। मैं आपसे जानना चाहता हूं कि आपका स्वास्थ्य कैसा है?
मैं जानता हूं कि आपको मेरी व माताजी की अत्यंत याद आती होगी। हम भी आपको सदैव स्मरण करते है। इस वर्ष मेरी वार्षिक परीक्षा समाप्त होने के पश्चात, गर्मियों के अवकाश में मैं आपके साथ एक अच्छे हिल स्टेशन पर घूमने जाना चाहता हूं।
मैं अपनी पढ़ाई के विषय में बताऊं तो मैंने अपने संपूर्ण पाठ्यक्रम की तैयारी कर ली है। अब मुझे बस परीक्षाओं का इंतजार है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपको हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करके दिखाऊंगा। आप मेरी इस सफलता से अत्यंत प्रसन्न होंगे। कुछ दिन पूर्व मैं अपने विद्यालय से कविता लेखन प्रतियोगिता में भाग लेने गया था। प्रतियोगताओं में विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने प्रतिभाग किया था। मेरी कविता का विषय ‘ उज्ज्वल भारत’ रहा। व मैंने इस प्रतियोगता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। मेरे विद्यालय के सभी शिक्षको ने मेरी प्रशंसा की। व आगे की प्रतियोगताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करके की सांत्वना प्रदान की।
पिताजी, मैं जानता हूं कि आपको माताजी के हाथ के बने बाजरे के लड्डू अत्यंत प्रिय है। अतः पत्र के साथ मैं आपको माताजी द्वारा बनाए गए स्वादिष्ट बाजरे के लड्डू भी भेज रहा हूं। आप इनका आनंद अवश्य लीजिएगा।
माताजी का आपके प्रति स्नेह व आपकी कुशलता की कामना सहित।
आपका प्रिय पुत्र,
अनुज,
विजयवाड़ा,
झारखंड।