Block C
राजेन्द्र नगर,
बरेली।
दिनांक……..
आदरणीय अशोक जी,
आपको सादर नमस्कार।
मैं आपका आभार मानता हूं। आपने मुझे मेरा खोया हुआ पर्स लौटकर मुझ पर बहुत उपकार किया है। आप जैसे ईमानदार व्यक्ति समाज में कम ही देखने को मिलते हैं।
कल दिन में कार्यालय से आते वक़्त जब मैं और आप साथ में चाय पीने के लिए रुके थे, उसी समय चाय का खर्च देने के बाद से मेरा पर्स कहीं गुम हो गया था। जिस में मेरे 4000 रुपए थे और साथ ही मेरे आधार कार्ड की मूल प्रति, ड्राइविंग लाइसेंस भी रखा था। इसी कारण जब से मेरा पर्स गुम हुआ तब से मुझे मानसिक तनाव शुरू हो गया। सोचने समझने की क्षमता कम सी होने लगी। मुझे डर लगने लगा था कि कहीं मेरे आधार कार्ड का कोई गलत तरीके से इस्तमाल ना कर ले। लेकिन जब उसी शाम आपने आकर मेरा खोया हुआ पर्स मुझे वापस दिया। तब मुझे शांति का अनुभव हुआ।
आपने मुझे बताया की जल्दी जल्दी में मेरा पर्स वहीं चाय के काउंटर पर गिर गया था। आपने वहां से पर्स सुरक्षित लाकर मुझे वापस कर दिया। मुझे तो उम्मीद ही नहीं थीं कि पर्स जैसी वस्तु जिसमे रुपए मौजूद हो वो मुझे वापस मिल पाएगा। परंतु आपने यह साबित कर दिया कि अभी भी इस समाज में आप जैसे ईमानदार लोग उपस्थित हैं।
आपने मेरी खोई हुई वस्तु लौटकर मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है। मैं पुनः आपका आभार व्यक्त करता हूं। व आपके कुशल मंगल की कामना करता हूं।
आभार सहित,
धन्यवाद।
संजय कुमार।