जिला विद्यालय छात्रावास,
गोरखपुर।
दिनांक…..
प्रिय गौतम,
गत सप्ताह मुझे तुम्हारे विद्यालय के अध्यापक का शिकायती पत्र प्राप्त हुआ था। उस पत्र में उल्लेखित था कि तुम अपनी शिक्षा की ओर विशेष ध्यान नहीं दे रहे हो। इसी कारण तुम्हारी प्रति एक मासिक परीक्षा में तुम्हें अत्यधिक कम अंक दिए गए है। कक्षा में उपस्थित सभी छात्रों में तुम पीछे होते जा रहे हो। अपनी वार्षिक परीक्षाओं के लिए भी तुमने कुछ विशेष प्रयास नहीं किए हैं।
तुम्हारा शिक्षा के प्रति यह रुख देखकर मुझे अत्यंत आश्चर्य हुआ। यदि यह खबर पिता जी व माता जी को मिली तो उन्हें अत्यंत दुःख होगा। वे चाहते है कि तुम अच्छे से पढ़ाई करो व उनका नाम रोशन करो। शुरुआत से तुमने सदैव मन लगाकर पढ़ाई की है। मैं चाहता हूं कि तुम जैसे पहले पढ़ते थे, उसी प्रकार अब अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो। शिक्षा की आवश्यकता प्रत्येक क्षेत्र में होती है। तुम्हारा यह विद्यार्थी जीवन फिर कभी वापस नहीं आएगा, इसीलिए यही उचित समय है जिसमें तुम खुद को बेहतर बना सकते हो। अपने बहुमूल्य समय को व्यर्थ ना जाने दो।
मैं तुम्हे सख्त शब्दों में यह कहना चाहूंगा कि तुम अपनी अध्ययन क्षमता को बढ़ाने का प्रयास करो। व अपनी आने वाली परीक्षाओं में बेहतर परिणाम प्रदर्शित करके दिखाओ।
मुझे विश्वास है कि तुम मेरे शब्दों के महत्व को समझोगे।
शुभकामनाओं सहित,
तुम्हारे बड़े भाई,
संजय।
चौबारी चौराहा,
धनबाद गली,
लखनऊ